Balbharti Maharashtra State Board Class 5 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 2 जीवन Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

5th Standard Hindi Digest Chapter 2 जीवन Textbook Questions and Answers

1. पढ़ो और गाओ

प्रश्न 1.
अपनी दिनचर्या बनाओ और सुनाओ ।

प्रश्न 2.
तुम्हारी माँ तुम्हारे लिए क्या-क्या करती हैं, बताओ।

Hindi Sulabhbharati Class 5 Solutions Chapter 2 जीवन Additional Important Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

प्रश्न 1.
आप सुबह कितने बजे उठते हैं?
उत्तर:
हम सुबह छह बजे उठते हैं।

प्रश्न 2.
आपके पिताजी दफ्तर कितने बजे जाते हैं?
उत्तर:
मेरे पिताजी सुबह सात बजे दफ्तर जाते हैं।

प्रश्न 3.
आपकी माँ आपके लिए क्या-क्या करती हैं, बताओ?
उत्तर:
हमारी माँ हमारे लिए खाना बनाती हैं। हमें स्कूल के लिए तैयार करती हैं। जब हम बीमार होते हैं, तब हमारा ध्यान रखती हैं।

प्रश्न 4.
हमें क्या करने से पद और नाम मिलता है?
उत्तर:
हमें मेहनत करने से पद और नाम मिलता है।

प्रश्न 5.
हमें सबको दिल से क्या करना चाहिए?
उत्तर:
हमें सबको दिल से प्रणाम करना चाहिए।

प्रश्न 6.
क्या आपकी माताजी दफ्तर जाती हैं?
उत्तर:
मेरी माताजी दफ्तर नहीं जाती हैं, वे स्कूल में बच्चों को पढ़ाने जाती हैं।

प्रश्न 7.
आपका परिवार एकल है या संयुक्त?
उत्तर:
हमारा परिवार संयुक्त परिवार है।

प्रश्न 8.
हमें कैसे काम करना चाहिए?
उत्तर:
हमें मिल-जुलकर काम करना चाहिए।

प्रश्न 9.
हमें सबको कैसा मानना चाहिए?
उत्तर:
हमें सबको अपने जैसा मानना चाहिए।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए:

प्रश्न 1.
जीवन किसका नाम है?
उत्तर:
जीवन चलने का नाम है।

प्रश्न 2.
हमें क्या नहीं करना चाहिए?
उत्तर:
हमें कभी विश्राम नहीं करना चाहिए।

प्रश्न 3.
आसमान का हृदय कैसा है?
उत्तर:
आसमान का हृदय विशाल है।

प्रश्न 4.
मीठी बोली किसके जैसी होनी चाहिए?
उत्तर:
मीठी बोली माँ के जैसी होनी चाहिए।

प्रश्न 5.
मन में कैसे विचार होने चाहिए?
उत्तर:
मन में सच्चे, उच्च विचार होने चाहिए।

प्रश्न 6.
जो हमेशा चलता है, उसे क्या मिलता है?
उत्तर:
जो हमेशा चलता है, उसे पद और नाम मिलता है।

प्रश्न 7.
प्रकृति के किन तत्वों से हमें चलने की प्रेरणा मिलती है?
उत्तरः
प्रकृति के सूरज, नदी, धरती, आसमान सभी से हमें चलने की प्रेरणा मिलती है।

प्रश्न 8.
हमेशा चलने का अर्थ क्या है?
उत्तर:
हमें हमेशा कुछ ना कुछ कार्य करते रहना चाहिए।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में लिखिए:

प्रश्न 1.
हमें सागर से क्या सीखना चाहिए?
उत्तर:
लहराना।

प्रश्न 2.
हमें किसके जैसा सहनशील बनना चाहिए?
उत्तर:
धरती।

प्रश्न 3.
कौन रुकने का नाम नहीं लेता?
उत्तर:
घड़ी।

प्रश्न 4.
हमें किसके जैसा ऊपर उठना चाहिए?
उत्तर:
सूरज।

प्रश्न 5.
हमें कण-कण में क्या देखना चाहिए?
उत्तर:
अपनत्व।

प्रश्न 6.
छात्रों को हमेशा किस पर ध्यान देना चाहिए?
उत्तर:
पढ़ाई पर।

प्रश्न 7.
हमेशा कार्य करने से क्या नहीं आएँगी?
उत्तर:
कठिनाइयाँ।

4. निम्नलिखित पंक्तियों को पूर्ण कीजिए:

प्रश्न 4.
निम्नलिखित पंक्तियों को पूर्ण कीजिए:
1. घड़ी सदा ……………..
………….. नहीं लेती नाम,
2. जो चलता …………………
मेहनत कर …………………
3. माँ जैसी …………………..
…………………… उच्च विचार।
4. जीवन है ……….
…………. नहीं विश्राम।।
उत्तर:
1. टिक-टिक करती,
रुकने का
2. वह आगे बढ़ता,
पाता पद नाम
3. हो मीठी बोली,
मन में सच्चे
4. चलने का नाम।
करना कभी

प्रश्न 5.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

उत्तर:

प्रश्न 6.
इस कविता में घड़ी, सूरज, सागर, धरती सबसे हमने कुछ सीखा है। कुछ अन्य चीज़ों या लोगों के बारे में लिखो, जो हमें कुछ ना कुछ सिखाते हैं: (नदी, महान व्यक्ति, पेड़)
उत्तर:
नदी – हमेशा बहती रहती है और आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है, इसलिए हमें हमेशा आगे बढ़ते रहना है।
महान व्यक्ति – इनसे हम सीखते हैं , किस प्रकार अच्छे कार्य करके नाम कमाना चाहिए।
पेड़ – पेड़ अपना फल खुद नहीं खाते। अपनी छाया में खुद
नहीं बैठते। इसी तरह हमें भी दूसरों के काम आना चाहिए।

प्रश्न 7.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए:

(अ) (ब)
1. मोहनदास करमचंद गाँधी (क) मिसाइल मैन ऑफ इंडिया
2. सरदार वल्लभ भाई पटेल (ख) बर्ड मैन ऑफ इंडिया
3. सालिम अली (ग) लौह पुरुष
4. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम (घ) महात्मा, बापूजी

उत्तर:

(अ) (ब)
1. मोहनदास करमचंद गाँधी (घ) महात्मा, बापूजी
2. सरदार वल्लभ भाई पटेल (ग) लौह पुरुष
3. सालिम अली (ख) बर्ड मैन ऑफ इंडिया
4. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम (क) मिसाइल मैन ऑफ इंडिया

व्याकरण:

प्रश्न 1.
समान अर्थवाले शब्द लिखिए:

उत्तर:

प्रश्न 2.
विपरीत अर्थवाले शब्द लिखिए:

उत्तर:

प्रश्न 3.
लयात्मक शब्द लिखिए:

उत्तर:

प्रश्न 4.
शब्दों से वाक्य बनाइए:

उत्तर:

कविता का भावार्थ:

प्रस्तुत कविता में जीवन जीने की कला के बारे में बताया गया है। जीवन सदा ही चलता रहता है, इसलिए हमें कभी विश्राम नहीं करना चाहिए। जिस प्रकार घड़ी हमेशा टिक-टिक करती रहती है, उसी प्रकार हमें भी आगे बढ़ना है। सूरज के समान हमें ऊपर उठना चाहिए। हमें सागर की तरह लहराना और आसमान के जैसा विशाल हृदय रखना चाहिए। धरती की तरह सहनशील बनकर – मिलजुल कर काम करना चाहिए, क्योंकि जो चलता रहता है, वही आगे बढ़ता है। हमारी बोली माँ के समान मीठी होनी चाहिए। मन में सदैव उच्च विचार रहने चाहिए। हमें अपने समान ही सब को समझना चाहिए। हमारे मन में सदैव सेवा का भाव रहना चाहिए। हमें दूसरों की सहायता के लिये सदैव तत्पर रहना चाहिए। इस परिश्रम से हमें पीछे नहीं हटना चाहिए, तभी हमारा जीवन सार्थक होगा।

शब्दार्थ: