Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 2 जंगल Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 2 जंगल Textbook Questions and Answers

मौलिक सृजन :

प्रश्न 1.
जंगल ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाले स्रोत मौलिक सृजन है। इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
प्राचीन काल से ही जंगल मनुष्य के जीवन में विशेष महत्व रखते हैं। यह मानव जीवन के लिए प्रकृति का अनुपम उपहार है। हमारे जंगल पेड़-पौधे ही नहीं अपितु अनेकों उपयोगी जीव-जंतुओं व औषधियों का भंडार हैं। जंगल में प्रचुर मात्रा में पेड़ होते हैं। वे प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन देकर मानव मात्र का कल्याण करते हैं। वैसे तो सभी वृक्ष दिन के समय ऑक्सीजन छोड़ते हैं; जो जीवन के लिए आवश्यक तत्त्व है परंतु पीपल के वृक्ष में ऑक्सीजन प्रदान करने का अनुपात उन वृक्षों की तुलना में अधिक होता है। इसके अतिरिक्त नीम, बबूल, तुलसी, आँवला व शमी आदि वृक्ष भी हमें ऑक्सीज़न देते हैं। यदि जंगल नहीं होते, तो इंसान को जीवन जीने के लिए ऑक्सीज़न पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होता; ऐसे में जीवन की कल्पना करना असंभव हो जाता।

पठनीय :

प्रश्न 1.
जंगलों से प्राप्त होने वाले संसाधनों की जानकारी का वाचन कीजिए।

लेखनीय :

प्रश्न 1.
महाराष्ट्र के प्रमुख अभयारण्यों की जानकारी निम्न मुद्दों के आधार पर लिखिए।


उत्तर:

नाम स्थान विशेषताएँ
कर्नाला अभयारण्य कर्नाला तरह तरह के पक्षियों की प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध
संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान मुंबई वन्य जीवों के लिए प्रसिद्ध एवं बाघों की सफारी देखने लायक
ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान जिला: चंद्रपुर बाधों के लिए प्रसिद्ध
नागझिरा अभयारण्य जिला: भंडारा व गोंदिया वन्य जीव एवं पक्षियों के लिए प्रसिद्ध
पेच राष्ट्रीय उद्यान नागपुर वन्य जीवों के लिए प्रसिद्ध

आसपास :

प्रश्न 1.
अपने गाँव/शहर के वन विभाग अधिकारी से उनके कार्यसंबंधी जानकारी प्राप्त कीजिए।

श्रवणीय :

प्रश्न 1.
‘मानो सूखा वृक्ष बोल रहा है’, उसकी बातें निम्न मुद्दो के आधार पर ध्यान से सुनिए :

पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

प्रश्न क.
प्रवाह तालिका: कहानी के पात्र तथा उनके स्वभाव की विशेषताएँ।


उत्तर:

प्रश्न ख.
पहचानिए रिश्ते।
1. दादी – तविषा – ………….
2. पीयूष – शैलेश – …………
3. तविषा – शैलेश – …………
4. शैलेश – दादी – …………..
उत्तर:

2. पत्र लेखन

प्रश्न 1.
गरमी की छुट्टियों में नगरपरिषद/ ग्राम पंचायत द्वारा पक्षियों के लिए बनाए घोंसले तथा चुग्गा दाना पानी की व्यवस्था किए जाने के कारण संबंधित विभाग की प्रशंसा करते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर:
रामरतन कुमार गुप्ता
राधा बंगला,
कृष्ण नगर,
मुंबई: 400 098
दिनांक: 10 मई, 2017

सेवा में,
पर्यावरण विभाग अधिकारी,
महानगरपालिका,
मुंबई: 400 034

विषयः पक्षियों के लिए घोंसले तथा दाना-पानी की व्यवस्था किए जाने के कारण विभाग की प्रशंसा करते हुए पत्र ।
महोदय,
मैं रामरतन कुमार गुप्ता कृष्ण नगर, मुंबई का निवासी हूँ। मैं इस पत्र के द्वारा आपके विभाग की प्रशंसा करना चाहता हूँ; क्योंकि आपके विभाग के महानगरपालिका के कर्मचारियों ने दादर चौक पर पक्षियों के लिए घोंसले तथा चुग्गा, दाना-पानी की व्यवस्था की है। यह बहुत ही पवित्र कार्य है। पक्षियों के प्रति दयाभाव रखने की प्रेरणा आपके विभाग द्वारा किए गए कार्य से मिल रही है। इस भयंकर गरमी के दिनों में कई पक्षी बिना जल के अपने प्राण त्याग देते हैं लेकिन अब जो कार्य आपके विभाग द्वारा किया गया है; वह प्रशंसनीय एवं काबिल-ए. तारीफ है।

मुझे आशा है कि आपके विभाग द्वारा किए गए कार्य से कई सामाजिक संस्थाएँ एवं महानगरपालिका की अन्य शाखाएँ प्रेरणा लेकर इस प्रकार के कार्य के लिए आगे आएँगी। आपके विभाग की जितनी भी तारीफ की जाए वह कम ही है। हमारे इलाके के सभी लोग आपके विभाग की भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहे हैं। सचमुच आपके विभाग के सभी कर्मचारी प्रशंसा के पात्र हैं। सभी को मैं धन्यवाद देना चाहता है। धन्यवाद!

आपका विश्वासी,
रामरतन कुमार गुप्ता

3. कहानी लेखन

प्रश्न 1.
दिए गए शब्दों की सहायता से कहानी लेखन कीजिए। उचित शीर्षक दीजिए और सीख भी लिखिए।
शब्द : अकाल – तालाब – जनसहायता – परिणाम
मानवता: सबसे बड़ा धर्म
उत्तर:
अलकापुरी गाँव धन-धान्य से संपन्न था। गाँव में रहने वाले सभी किसान मेहनती थे। पूरे दिन खेत में परिश्रम करने के बाद भी उनके चेहरे पर रौनक दिखाई देती थी। किसी को किसी बात की कमी नहीं थी। आखिर सभी मेहनत जो करते थे।

कहते हैं ना कि समय एक-सा नहीं रहता है। वह तो बदलता ही रहता है। सुख के बाद दुख आता है। आखिर जीवनचक्र के फेरों से कौन बचा है? अलकापुरी गाँव पर पिछले तीन साल से वर्षा रूठ गई थी। पिछले तीन साल से बरसात की एक बूंद ने भी गाँव की भूमि को छुआ तक नहीं। अलकापुरी पर अकाल का साया मैंडरा रहा था। लोगों के पास जो कुछ था उसका पिछले तीन साल से उन्होंने उपयोग कर लिया था। अब तो सभी के घर में खाने के लाले पड़ गए।

गाँव में एक तालाब था। उसमें भरपूर पानी हुआ करता था लेकिन पिछले तीन साल से वर्षा न होने के कारण वह भी सूख गया। अब तो लोगों को पीने के लिए भी पानी नहीं था। लोग निराश एवं दुखी हो गए। अपने परिवार को लेकर वे दूसरे नगर में जाने लगे। वे गाँव की

सीमा के पास पहुंचे थे। उसी समय सामने से एक साधु पुरुष को आते हुए उन्होंने देखा। साधु के चेहरे पर दिव्य तेज था। उन्हें देखकर ही लगता कि वे कोई पहुँचे हुए साधु हैं। सभी ने साधु को प्रणाम किया व अपना दुख-दर्द उन्हें बताया।

साधु पुरुष कुछ पल के लिए मौन रहे। तत्पश्चात उन्होंने लोगों से पूछा कि आपके गाँव का जमींदार नहीं दिखाई दे रहा है। तब एक किसान ने कहा कि “जमींदार तो गाँव में ही रहेंगे क्योंकि उनके पास हजारों मन अनाज है और कई नौकर-चाकर व घोड़ा-गाड़ियाँ हैं। अतः वे दूसरे नगर से आराम से पानी ला सकते हैं। इसी कारण वे इसी गाँव में रहेंगे।”

साधु गाँववासियों को लेकर जमींदार के घर पहुंचे। जमींदार ने साधु को आदर के साथ प्रणाम किया। साधु के चेहरे पर छाया हुआ दिव्य तेज देखकर जमींदार उनके सामने विनम्र होकर खड़े रहे। साधु ने अपनी दिव्य दृष्टि से जमींदार द्वारा लोगों पर किए गए अपराधों की सूची प्रस्तुत की। जमींदार के अपराधों को गाँव का कोई भी व्यक्ति नहीं जानता था। वे सारी बातें साधु जानते थे।

जमींदार साधु पुरुष के चरणों पर गिर पड़े। उन्होंने अपने अपराधों के लिए क्षमायाचना की। साधु ने हँसते-हँसते कहा कि मानवता सबसे बड़ा धर्म होता है। अत: जनसहायता हेतु तुम्हारे पास जो हजारों मन अनाज हैं वह इन लोगों में बाँट दो। तुम्हारे द्वारा किए गए कार्य का अच्छा परिणाम निकलेगा और इस गाँव पर बरसात की कृपा होगी। इधर जमींदार अनाज का दान कर रहे थे और उसी वक्त वर्षा का आरंभ हुआ। सभी लोगों की नजरें साधु पुरुष को ढूँढ रही थी; पर वे तो लुप्त हो चुके थे।
सीख: इंसान को संकट की घड़ी में दूसरों की मदद करनी चाहिए। वही मनुष्य है, जो मनुष्य के लिए मरता है।

पाठ से आगे :

प्रश्न 1.
पालतू प्राणियों के लिए आप क्या करते हैं?’ अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
हमारे परिवेश में कुत्ता, गाय, बिल्ली, घोड़ा, तोता आदि कई प्रकार के पालतू जानवर होते हैं। मानव का कर्तव्य है कि वह पालतू जानवरों के प्रति स्नेह रखें। उनकी सेवा करें। मैं पालतू जानवरों के प्रति अपार प्रेम एवं ममत्व की भावना रखता हूँ। मैं कुत्ते को खाने के लिए रोटी देता हूँ। बिल्ली को पीने के लिए दूध देता हूँ। गाय को खाने के लिए हरी घास देता हूँ। चिड़ियों के लिए दाना व पानी की व्यवस्था करता हूँ। मैंने अपने सभी मित्रों को भी पालतू जानवरों की सेवा करने के लिए प्रेरित किया है। मैंने उन्हें अहिंसा एवं जीवों पर दया के व्रत का पाठ पढ़ाया है। इस तरह मैं पालतू जानवरों की हर प्रकार से हिफाजत एवं उनकी रक्षा करने के लिए प्रतिपल तत्पर रहता हूँ।

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 2 जंगल Additional Important Questions and Answers

(क) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:

प्रश्न 2.
किसने, किससे कहा?
i. “अम्मा से बात हो जाए तो
उत्तरः
तविषा ने आंटी अणिमा जोशी से कहा।

ii. “मुझे बताने में झिझक कैसी!”
उत्तर:
अणिमा जोशी ने तविषा से कहा।

प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:

प्रश्न 4.
सहसंबंध लिखिए।
i. रेशम-सी : देह :: जुड़वाँ :
ii. रीडर : अणिमा जोशी :: कामवाली :
उत्तरः
i. खरगोश
ii. कमला

प्रश्न 5.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘हमें पालतू जानवरों के प्रति प्रेम रखना चाहिए।’ इस कथन पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
मानव आदि काल से कुछ पशुओं को पालता आ रहा है। जिन पशुओं को वह पालता है उसे ‘पालतू पशु’ कहा जाता है। पालतू पशु हमारे लिए श्रम करते हैं। वे हमें भोजन एवं जीवन-यापन की अन्य सामग्रियाँ प्रदान करते हैं। वे जन-समुदाय के लिए अनेक प्रकार से उपयोगी होते हैं। पालतू पशु मनुष्यों की अनेक प्रकार से सहायता करते हैं। बदले में ये मनुष्यों से अच्छे व्यवहार और खान-पान की अच्छी व्यवस्था की अपेक्षा रखते है। धर्म और नीति के भी यह अनुकूल है कि पशुओं के साथ मानव अच्छा व्यवहार करें। उसे अच्छा भोजन दे एवं उसके लिए साफ-सुधरे एवं हवादार आवास का प्रबंध करें।

(ख) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. पीयूष मोनू के निकट गुमसुम बैठा हुआ था।
ii. पीयूष की स्तब्धता तोड़ना दादी ने जरूरी समझा।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:

प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:

प्रश्न 4.
किसने, किससे कहा?
i. “अम्मी अच्छी नहीं है न!”
उत्तरः
पीयूष ने अपनी दादी से कहा।

ii. “सोनू तुम्हें हमेशा हँसते देखना चाहता था न!”
उत्तरः
दादी ने पीयूष से कहा।

प्रश्न 5.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘बच्चे मन से अधिक संवेदनशील होते हैं।’ इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
बच्चे मन से अधिक संवेदनशील होते हैं। उन्हें ईश्वर प्रदत्त अनमोल वरदान एवं अनुपम कृति कहा जाता है। वे निष्पाप होते हैं। वे हमारे दिए गए संस्कारों तथा परिवेश के बीच बड़े होते हैं। उनकी मुस्कान निर्मल व सभी को प्रसन्न करने वाली होती है। वे दूसरों के दुख को नहीं सह सकते हैं। दूसरों की पीड़ा एवं वेदना से वे अत्यधिक दुखी एवं उदास हो जाते हैं। जब उनका प्रिय खिलौना टूट जाता है; उस वक्त भी वे रोने लगते हैं। वे गुमसुम होकर हृदय से रोते रहते हैं। वे अपनी मन की बात को किसी भी तरह नहीं छुपा पाते हैं। जो मन में आता है; वे बोलते हैं। वे हमेशा दूसरों को खुशियाँ देना चाहते हैं। जब सभी हँसते हैं; तब वे भी प्रसन्न होकर हँसते हैं।

(ग) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए।
i. दादी माँ सोनू को नाले में हरगिज नहीं फिकवा सकतीं।
उत्तर:
दादी माँ सोनू को नाले में हरगिज नहीं फिकवा सकती क्योंकि पीयूष सोनू से बहुत प्यार करता है।

ii. दादी माँ की इच्छा क्या थी?
उत्तरः
घर के बच्चे की तरह सोनू का अंतिम संस्कार किया जाए।

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः

प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘स्थिति से भागने की बजाय उसका सामना करना बेहतर है।’ इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
व्यक्ति को अपने स्थिति से भागना नहीं चाहिए। उसे उसका सामना करना चाहिए। स्थिति से भागने से व्यक्ति को अपनी मंजिल नहीं मिल पाती है। वह अपनी मंजिल से दूर चला जाता है। फिर दर-दर की ठोकरे खाने के अलावा उसे कुछ भी नहीं प्राप्त होता। वास्तव में जब व्यक्ति अपनी स्थिति से दोस्ती कर लेता है, प्रसन्नता के साथ उसे अपनाता है, उत्साह के साथ चलता है तो संघर्ष का सफर उसका साथ देता है और उसे कठिन-से-कठिन डगर को पार करने में मदद करता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में आने वाली स्थिति का सामना करना चाहिए। जब ऐसा होगा तब ही वो जीवन में आने वाले संघर्षों का सामना कर सकेगा और अपने मनचाहे मुकाम पर पहुंच सकेगा।

(घ) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
प्रस्तुत गद्यांश पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों।
i. कॉलेज
ii. बांकड़े
उत्तर:
i. दादी पढ़ाने के लिए कहाँ जाती है?
ii. पूरे दिन खरगोश किसमें नहीं बंद रह सकते?

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः

प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः

प्रश्न 4.
सहसंबंध लिखिए।
निरुत्तर : दादी :: जालीदार : ……..
उत्तर:
बांकड़ा

प्रश्न 5.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. पीयूष के मित्र खरगोश को देखने आए थे।
ii. सोनू की मृत्यु के बाद मोनू बड़े आराम से रहने लगा।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

प्रश्न 6.
कारण लिखिए।
उत्तरः

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘जानवरों के पास भी भावना होती है। क्या आप इस कथन से सहमत हैं। यदि हाँ, तो अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
‘जानवरों के पास भी भावना होती है। इस कथन से मैं सहमत हूँ। उनमें भी जान होती है। वे भी जीव होते हैं। उनकी अपनी दुनिया होती है। उनकी दुनिया में जंगल, उनके बच्चे तथा अन्य प्राणी आदि सभी होते हैं। वे अपने परिवार के साथ रहना पसंद करते हैं। परिवार से बिछड़ जाने का दुख उन्हें होता है। यदि उन्हें उनके परिवार से अलग कर दिया जाए तो चिल्लाते हैं।

चिल्ला-चिल्लाकर अपना दुख वे व्यक्त करते हैं। कई जानवरों को जंगल से शहर में लाया जाता है और लोग उन्हें शौक के तौर पर पालते हैं। उन्हें खाने के लिए तरह-तरह के व्यंजन देते हैं। फिर भी वे खुश नहीं रह पाते। उन्हें अपने माता-पिता की याद सताती रहती है। आखिर वे उनके साथ रहना चाहते हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि प्राणियों के पास भी भावना होती है। उनमें भी संवेदना होती है।

(ङ) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन

प्रश्न 1.
कारण लिखिए।
उत्तरः

प्रश्न 2.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. जंगल जानवरों का घर है।
ii. दादी और शैलेश ने निर्णय लिया कि मोनू को जंगल में ले
जाकर उसके माता-पिता के पास छोड़ देंगे।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

प्रश्न 3.
सही पर्याय चुनकर पूर्ण वाक्य लिखिए।
i. दादी पीयूष का मुँह चूमने लगीं ……………
(च) अब उसे खरगोश नहीं चाहिए था।
(छ) अब उसे तोता नहीं चाहिए था।
(ज) अब उसे उपहार नहीं चाहिए था।
उत्तर :
दादी पीयूष का मुँह चूमने लगीं अब उसे तोता नहीं चाहिए था।

ii. मोनू के दुखी होने का कारण ……………
(च) वह सोनू से बिछड़ गया था।
(छ) वह अपने माता-पिता से बिछड़ गया था।
(ज) वह जंगलों से दूर शहर में आ गया था।
उत्तर :
मोनू के दुखी होने का कारण वह सोनू से बिछड़ गया था।

संभाषणीय :

प्रश्न 1.
“जंगल में रहने वाले पक्षियों के मनोगत’ इस विषय पर कक्षा में चर्चा का आयोजन कीजिए।
उत्तरः
अध्यापक निर्देश: (कुछ छात्रों को जंगल में रहने वाले पक्षियों की भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करते हैं।)
संभाषण :

सभी एक साथ : सच है। सच है। सच है। हम सभी को मिलकर इंसान के पास जाना चाहिए और उसे अपनी समस्या से रूबरू कराना चाहिए। चलिए फिर हम अभी चलते हैं। अच्छे कार्य के लिए देरी क्यों करनी है!

लेखक-परिचय :

जीवन-परिचय : चित्रा मुद्गल का जन्म चेन्नई में १० सितंबर १९४३ को हुआ था। हिंदी साहित्य में आधुनिक लेखिका के रूप में श्रीमती चित्रा मुद्गल जी का नाम उल्लेखनीय है। बच्चों के लिए उपन्यास लिखना आपका प्रिय शौक है। आपने अपने साहित्य के माध्यम से मानवीय संवेदनाओं तथा नए जमाने की गतिशीलता और उसमें जिंदगी की मजबूरियों का चित्रण किया है।
प्रमुख कृतियाँ : उपन्यास – ‘एक जमीन अपनी’, ‘आवां’ आदि, कहानी संग्रह – ‘भूख’, ‘लाक्षागृह लपटें’, ‘मामला आगे बढ़ेगा अभी’, ‘आदि-अनादि’, बाल उपन्यास – ‘जीवक मणिमेख’, बालकथा संग्रह – ‘दूर के ढोल’, ‘सूझ-बूझ’ आदि।

गद्य-परिचय :

संवादात्मक कहानी : ‘संवादात्मक कहानी’ कहानी विधा का एक प्रकार है। इसमें किसी विशेष घटना या विशेष विषय को रोचक ढंग से संवाद रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
प्रस्तावना : ‘जंगल’ इस कहानी में लेखिका ने बच्चों के अबोध एवं संवेदनशील मन का अंकन किया है और साथ में जानवरों के प्रति दयाभाव रखने के लिए भी पाठकों को प्रेरित किया है।

सारांश :

‘जंगल’ यह कहानी एक संवादात्मक कहानी है। इस कहानी के माध्यम से लेखिका ने बताया है कि बच्चे संवेदनशील होते हैं। वे मन के सच्चे होते हैं तथा उनका मन निष्पाप होता है। पीयूष के घर पर दो खरगोश थे। एक का नाम था सोनू और दूसरे का नाम था मोनू। पीयूष की माँ द्वारा नीचे फर्श पर गिरी डाबर की पारे की गोली खाने के कारण सोनू की मृत्यु हो जाती है। जिससे पीयूष का मन बहुत व्यथित एवं दुखी हो जाता है। उस अबोध बालक को इस बात का पता भी नहीं है कि उसकी माँ द्वारा गलती होने के कारण सोनू उसे छोड़कर दूसरी दुनिया में चला गया है।

पीयूष को लगता है कि सोनू को उसके माता-पिता द्वारा अलग कर देने के कारण उसकी मृत्यु हो गई है। सोनू की मौत का प्रभाव मोनू पर भी पड़ता है। वह अन्न का त्याग कर देता है। अत: घरवाले पीयूष को समझाते हैं कि वे मोनू को जंगल में छोड़ आएँगे; ताकि वह अपने माता-पिता के साथ खुशी से रह सके। पीयूष इस बात को मान लेता है और निर्णय कर लेता है कि वह आज से किसी भी प्राणी को अपने घर पर नहीं रखेगा।

शब्दार्थ :

मुहावरे :