Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 6 ऐ सखि ! Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 6 ऐ सखि ! Textbook Questions and Answers

संम्भाषणीय :

प्रश्न 1.
‘जीवन में हास्य का महत्त्व’ पक्ष-विपक्ष में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
रवि – अरे, रेखा क्या उदास बैठी हो, जब देखो उदास रहती हो। रेखा – तो क्या करूँ? तुम्हारे जैसा हीही-हीही करती रहूँ। रवि – हाँ, हमारे जैसा तुम भी हँसो। हास्य, मुस्कान और विनोद में कितना सुख है, कितना आनंद है? बड़ेबड़े चिकित्सालयों में रोगियों को हंसाने तथा प्रसन्न करने के लिए हास्य-विनोद की व्यवस्था रखी जाती है। रेखा – नहीं। अपनी हँसी अपने पास रखो। हँसने से गंभीरता समाप्त हो जाती है। गंभीरता जीवन में एक वांछित गुण है।

धीर-गंभीर और उत्तरदायी व्यक्ति समझकर लोग आदर करते हैं। रवि – यह बात सही है कि गंभीरता जीवन में वांछित गुण है। किंतु यह ठीक तभी है, जब आवश्यकतानुसार हो। गंभीरता के नाम पर हर समय मुँह लटकाए, गाल फुलाए, माथे में बल और आँखों में भारीपन भरे रहने वाले व्यक्तियों को समाज में बहुत कम पसंद किया जाता है। रेखा – हास्य-मुस्कान ठीक नहीं। कभी-कभार हँसी हो गई ठीक है। रोज-रोज हंसना ठीक नहीं। इसे लोग बुरा मानते हैं।

रवि – यह तुम्हारी सोच है रेखा। कोई बुरा नहीं मानता। जीवन में जब अवसर मिले हैंसना चाहिए। राजा-महाराजा स्वाँग और नाटकों के रूप में अपने प्रति व्यंग्य विनोद देखसुनकर प्रसन्न ही नहीं होते बल्कि सफल अभिनेता को पुरस्कार भी दिया करते थे। आज टेलीविज़न पर विविध प्रसिद्ध व्यक्तियों पर हास्य-व्यंग्य दिखाए जाते हैं जिसे देखकर संबंधित व्यक्ति भी हास्य-विनोद के नाम पर हँस पड़ते हैं।

लेखनीय :

प्रश्न 1.
सुवचनों का संकलन कीजिए तथा सुंदर, सजावटी लेखनीय लेखन करके चार्ट बनाइए। विद्यालय की दीवारों को सजाइए।
उत्तर:

पठनीय :

प्रश्न 1.
किसी महिला साहित्यिक की जीवनी का अंश पढ़िए, और उनकी प्रमुख कृतियों के नाम बताइए।

आसपास :

प्रश्न 1.
पहेलियों का संकलन कीजिए ।

कल्पना पल्लवन :

प्रश्न 1.
“पुस्तकों का संसार, ज्ञान-मनोरंजन का भंडार’ इस संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
पुस्तके ज्ञान का भंडार होती हैं। उसमें विद्वानों के विचार, ज्ञान और अनुभव के साथ ही बहुत सारी रोचक बातें भरी रहती हैं। ऐतिहासिक घटनाओं, मनोरंजक कहानियों, चुटकुलों का समावेश इन पुस्तकों में होता है। किताबों के माध्यम से हम बहुत सारी पौराणिक कथाओं, मनोरंजक घटनाओं का ज्ञान प्राप्त करते हैं। खाली समय बिताने के लिए सबसे अच्छा और आसान उपाय है मनोरंजक किताबें पढ़ना। पुस्तकें सदियों से संजोए हुए ज्ञान से हमें अवगत कराती हैं। सचमुच पुस्तकें ज्ञान और मनोरंजन का भंडार होती हैं।

पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

प्रश्न क.
मुकरियों के आधार पर निम्नलिखित शब्दों की विशेषताएँ लिखिए :


उत्तरः

शब्द विशेषता
1. तोता राम भजन किए बिना कभी न सोने वाला
2. नीर क्षण में हृदय की पीड़ा को हरने वाला
3. अंजन आठ पहर तक मनरंजन करने वाला
4. डोल मीठे बोल बोलने वाला

प्रश्न ख.
भावार्थ लिखिए : मुकरियाँ – 1, 5 और 9
उत्तरः
1. रात समय वह ……………………. ना सखि तारा।।
भावार्थः
प्रस्तुत कविता में नायिका अपने सखी से पहेलियाँ बुझाते (पूछते) हुए कहती है, रात के समय वह मेरे पास आते हैं। सुबह होते ही वह उठकर घर चले जाते हैं, यह सबसे अनोखा आश्चर्य है। उसकी सखी पूछती है सखी क्या वह साजन है? नायिका जवाब देती है- नहीं सखी, वह तारा है।

2. अति सुरंग है ………………….. ना सखि तोता।।
भावार्थः
नायिका कहती है कि वह बहुत ही सुंदर रंग वाला और खुशमिजाज है। उसके साथ ही वह गुणवान और चमकीले रंग का भी है। वह राम का भजन किए बिना कभी नहीं सोता है। उसकी सखी पूछती है- सखी, क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देती है नहीं सखी वह साजन नहीं, तोता है।

3. बिन आए सबहीं ………….. ना सखि पाती।।
भावार्थ:
नायिका पहेली बुझाते हुए कहती है कि उसके न आने पर कुछ भी अच्छा नहीं लगता । सारा सुख भूल जाता है और जब वह आता है तो अंग-अंग में प्रसन्नता छा जाती है। उसे छाती से लगाते ही हृदय शीतल हो जाता है। उसकी सखी उससे पूछती है सखी क्या वह साजन है? नायिका जबाब देती है-नहीं सखी, वह तो पत्र है।

पाठ से आगे :

प्रश्न 1.
प्राकृतिक घटकों पर आधारित पहेलियाँ बनाइए और संकलन कीजिए।

उत्तरः

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 6 ऐ सखि ! Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
चौखट पूर्ण कीजिए।
उत्तर:

प्रश्न 2.
एक-एक शब्द में उत्तर लिखिए।

उत्तर:

प्रश्न 3.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. तारा दिन को आता है, रात को जाता है।
ii. ढोल के बोल मोठे होते हैं।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

प्रश्न 4.
सहसंबंध लिखिए।
i. सूर्य : दिन :: तारा : …..
ii. प्रात : भोर :: विवाह : …..
उत्तर:
i. रात
ii. शादी

प्रश्न 5.
समझकर लिखिए।
चमड़े से बने चार वाद्य यंत्रों के नाम ।
उत्तर:
ढोलक, मृदंग, तबला, नगाड़ा

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति / भावार्थ

प्रश्न 1.
‘ढोल के बोल सुहावने’ पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
ढोल प्राचीन काल से एक सुहावना वाद्य यंत्र रहा है। ढोल के दोनों सिरे पर चमड़े मढ़े रहते हैं। जिन्हें बजाने से मीठी आवाज निकलती है। शादी-ब्याह तथा सभी शुभ अवसरों पर ढोल बजाने की परंपरा बड़ी पुरानी रही है। ढोल गीत, संगीत तथा भजन गायकों के सुर में सुर मिलाकर उनके आवाज में चार चाँद लगा देता है। होली के गीतों में ढोलक का जमकर प्रयोग होता है। इसे ताल वाद्य यंत्रों की श्रेणी में प्रमुख स्थान पर रखा जाता है।

(ख) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः

प्रश्न 2.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तरः

प्रश्न 3.
एक-एक शब्द में उत्तर लिखिए।

उत्तर:

प्रश्न 4.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. लोटा तन का भारी मन का छोटा होता है।
ii. तोता कुरंग पक्षी होता है।
उत्तर:
i. असत्य
ii. असत्य

प्रश्न 5.
चौखट पूर्ण कीजिए।
उत्तर:


प्रश्न 6.
सहसंबंध लिखिए।
i. चटनी : चम्मच :: पानी : ….
ii. कोयल : कूकना :: तोता : ….
उत्तर:
i. लोटा
ii. रामभजन

प्रश्न 7.
पद्यांश में प्रयुक्त एक पक्षी का नाम लिखिए।
उत्तरः
तोता

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति / भावार्थ

प्रश्न 1.
‘प्रिय पक्षी तोता’ के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
तोता हमारे देश में प्राचीनकाल से ही एक लोकप्रिय पक्षी रहा है। यह बहुत समझदार होता है। तोते का हरा रंग, लाल चोंच, कंठ की काली पट्टी और कोमल पंख लोगों को मुग्ध कर देते हैं। चिड़ियाघर में तोते की कई जातियाँ पाई जाती हैं। तोते को पालना बहुत आसान है। यह अमरूद, अन्य फल तथा मिर्च बड़े चाव से खाता है और यह परिवार में सभी के साथ हिल-मिल जाता है। यह प्राणी अनुकरणप्रिय माना जाता है।

(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
चौखट पूर्ण कीजिए।
उत्तर:

प्रश्न 2.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:

प्रश्न 3.
एक-एक शब्द में उत्तर लिखिए।

उत्तर:

प्रश्न 4.
सहसंबंध लिखिए।
i. दिवस : सूर्य :: रात्रि :-
ii. कान : कुंडल :: आँख : ………
उत्तर:
i. चंद्रमा
ii. अंजन

प्रश्न 5.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।

उत्तर:

प्रश्न 6.
पद्यांश में प्रयुक्त एक सौंदर्य प्रसाधन का नाम लिखिए।
उत्तर:
अंजन

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति / भावार्थ

प्रश्न 1.
चाँदनी रात का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चाँदनी रात का हमारे जीवन में विशेष महत्त्व है। धरती से आकाश तक फैली हुई चाँदनी अनायास ही मन को मोह लेती है। वह जीवन में उल्लास भरती है, जीवन को शक्ति और आनंद प्रदान करती है। चाँदनी रात में सागर भी उल्लास से भर जाता है और उसमें ज्वार उठने लगता है। कभी-कभी चाँद बादल में लुका-छिपी खेलता है जो हमारे मन को अपनी ओर खींच लेता है। ऐसे समय में कुछ लोग नौका विहार का भी लुफ्त उठाते हैं। इस प्रकार चाँदनी रात का विशेष महत्त्व है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए।

i. अर्धनिशा वह आयो ……………….. ना सखि चंद ।।
भावार्थ:
नायिका कहती है कि, वह आधी रात को मेरे भवन (घर) में आता है। वह इतना सुंदर है कि उसकी सुंदरता का वर्णन कोई भी कवि नहीं कर सकता है। उसे देखते ही मन आनंद से भर उठता है। उसकी सखी पूछती है सखी क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देती है- नहीं सखी, साजन नहीं वह तो चन्द्रमा है।

(घ) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:

प्रश्न 2.
एक-एक शब्द में उत्तर लिखिए।

उत्तर:

प्रश्न 3.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. जल के बिना नेक व्यक्ति को भी धीरज नहीं रहता है।
ii. पत्र आने से सारा सुख भूल जाता है।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

प्रश्न 4.
पद्यांश के आधार पर विधान पूर्ण कीजिए।
i. पत्र के अभाव से …………..
ii. पत्र के प्रभाव से ………….
उत्तर:
i. पत्र के अभाव से सब सुख भूल जाता है।
ii. पत्र के प्रभाव से अंग-अंग फूल जाता है।

प्रश्न 5.
उचित पर्याय चुनकर लिखिए।
i. संसार के लोग जल को कहते हैं
(क) धारा
(ख) धीरज
(ग) जीवन
उत्तरः
(ग) जीवन

ii. इसको दिल से लगाते ही छाती ठंडी हो जाती है
(क) पानी
(ख) सखी
(ग) पत्र
उत्तरः
(ग) पत्र

कृति घ (2): स्वमत अभिव्यक्ति / भावार्थ

प्रश्न 1.
जल प्रदूषण पर अपने विचार 6 से 8 वाक्यों में लिखिए।
उत्तर:
आज प्रदूषण जल, थल तथा वायु हर जगह फैला हुआ है। देश में जल प्रदूषण का खतरा दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। भारी मात्रा में औद्योगिक कचरा, कूड़ा-करकट, मल-मूत्र आदि नदियों और समुद्र में डाल दिया जाता है। झीलें भी इस गंदगी से बची नहीं हैं। इसी कारण जलीय वनस्पतियाँ, मछलियाँ और अन्य जीव-जंतु बड़ी संख्या में मरने लगे हैं। प्रदूषित जल से सिंचाई के कारण पैदावार भी नष्ट हो रही है। जल-प्रदूषण के अतिरिक्त वायु प्रदूषण तथा ध्वनि प्रदूषण भी मानव जीवन के लिए खतरनाक है। पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए हमें प्रदूषण के सभी कारणों को दूर करना होगा।

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय : अमीर खुसरो का जन्म 1253 ई. में उत्तर प्रदेश के एटा जिले के पटियाली नामक कस्बे में हुआ था। उनका मूल नाम अबुल हसन यमीनुदीन खुसरो है। वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने हिंदी, हिंदवी और फ़ारसी में एक साथ लिखा। वे एक श्रेष्ठ शायर, गायक और संगीतकार थे। अमीर खुसरो अपनी पहेलियों और मुकरियों के लिए जाने जाते हैं। उनकी मृत्यु 1325 में हुई।
प्रमुख कृतियाँ : ‘तुहफा-तुस-सिगर’, ‘वसतुल-हयात’, ‘गुर्रातुल-कमा’, ‘नेहायतुल-कमाल’, ‘दोहे-घरेलू नुस्खे’, ‘कह मुकरियाँ’, ‘दुसु खने’, ‘ढकोसले’, ‘अनमेलियाँ/उलटबाँसियाँ’, ‘हालात-ए-कन्हैया’, ‘नजराना-ए-हिंद’ आदि।

पद्य-परिचय :

मुकरियाँ : यह पहेलियों (बुझौवल) का ही एक रूप है, जो लोक प्रचलित है, जिसका लक्ष्य मनोरंजन के साथ-साथ बुद्धिचातुर्य की परीक्षा लेना होता है।
प्रस्तावना : प्रस्तुत कविता ‘ऐ सखि’ के कवि अमीर खुसरो ने इन मुकरियों के माध्यम से अपनी विशेष शैली में पहेलियाँ बुझाईं हैं और स्वयं उनके उत्तर दिए हैं।

सारांश :

कवि अपनी पहेलियों के माध्यम से बताते हैं कि रात के समय आने वाला और सुबह घर चले जाने वाला तारा है। सबकी शादी कराने वाला और मीठे बोल वाला ढोल है। जल पिला कर प्यास बुझाने वाला लोटा है। सोते समय काट कर जगाने वाली मक्खी है। सुंदर रंगवाला, गुणवान और राम भजन किए बिना न सोने वाला तोता है। अर्धरात्रि को घर आने वाला और सुंदरता का भंडार चाँद है। आँखों की शोभा बढ़ाने वाला और आँखों से एक क्षण भी दूर न होने वाला काजल है। ‘जीवन’ नाम से प्रसिद्ध और क्षण में हृदय की पीड़ा दूर करने वाला जल है। आते ही प्रसन्नता लानेवाला और छाती को शीतल करने वाला पत्र है।

भावार्थ :

रात समय वह ………………… ना सखि तारा।।
प्रस्तुत कविता में नायिका अपनी सखी से पहेलियाँ बझाते (पुछते) हुए कहती है कि रात के समय वह मेरे पास आते हैं। सुबह होते ही वह उठकर घर चले जाते हैं, यह आश्चर्यं सबसे न्यारा है। उसकी सखी पूछती है कि क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देते हुए कहती है- नहीं सखी, वह तारा है।

वह आवे तब …………………. ना सखि डोल।।
नायिका आगे की पहेली बुझाते हुए कहती है कि वह आता है तब शादी होती है। शादी के दिन उसके सिवा कोई और नहीं होता है। उसके बोल बड़े मीठे लगते हैं। सखी पूछती है कि क्या वह साजन है ? नायिका उत्तर देती है-नही सखी, वह ढोल है।

जब माँगू तब …………… ना सखि लोटा।।
नायिका कहती है कि जब मैं उससे माँगती हूँ, तो वह मेरे लिए जल भर के लाता है और मेरे मन की गर्मी को बुझाता है अर्थात मेरी प्यास बुझाता है। भले वह शरीर का छोटा है लेकिन उसका हृदय विशाल है। उसकी सखी पूछती है, सखी क्या यह साजन है? फिर नायिका उत्तर देती है-नहीं सखी, वह तो लोटा है।

बेर-बेर सोबतहि ……………. ना सखि मक्खी ।।
नायिका कहती है कि वह बार-बार मुझे सोते हुए जगा देता है, अगर मैं नहीं जागती हूँ, तो मुझे काटता है और परेशान करता है। इससे मैं परेशान हो गई हैं और कुछ कर नहीं पा रही हूँ। नायिका की सखी पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देती है-नहीं सखी, वह मक्खी है।

अति सुरंग है ………… ना सखि तोता।।
नायिका कहती है कि वह बहुत ही सुंदर रंग वाला और खुशमिजाज है। उसके साथ ही वह गुणवान और चमकीले रंग का भी है। वह राम का भजन किए बिना कभी नहीं सोता है। उसकी सखी पूछती है- सखी, क्या वह साजन है ? नायिका उत्तर देती है-नहीं सखी वह साजन नहीं, तोता है।

अर्धनिशा वह आयो …………… ना सखि चंद।।
नायिका कहती है कि, वह आधी रात को मेरे भवन (घर) में आता है। वह इतना सुंदर है कि उसकी सुंदरता का वर्णन कोई भी कवि नहीं कर सकता है। उसे देखते ही मन आनंद से भर उठता है। उसकी सखी पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देती है- नहीं सखी, साजन नहीं वह तो चन्द्रमा है।

शोभा सदा बड़ावन ………………. ना सखि अंजन।।
नायिका कहती है, वह हमेशा आँखों की सुंदरता को बढ़ाता है । आँखों से क्षण भर के लिए अलग नहीं होता है। आठों पहर वह मेरे मन को भाता है। उसकी सखी पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देते हुए कहती है- नहीं सखी, वह काजल है।

जीवन सब जग …………………………… ना सखि नीर।।
नायिका कहती है, जिसे सारा संसार ‘जीवन’ कहता है । जिसके बिना सज्जन धैर्य नहीं रख सकता। वह एक क्षण में हृदय की पीड़ा को हर लेता है। उसकी सखी पूछती है सखी, क्या वह साजन है ? नायिका जवाब देती है- नहीं सखी, वह साजन नहीं, पानी है।

बिन आए सबहीं …………….. ना सखि पाती।।
नायिका पहेली बुझाते हुए कहती है कि उसके न आने पर कुछ भी अच्छा नहीं लगता । सारा सुख भूल जाता है और जब वह आता है तो अंगअंग में प्रसन्नता छा जाती है। उसे छाती से लगाते ही हृदय शीतल हो जाता है। उसकी सखी उससे पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका जवाब देती है-नहीं सखी, वह तो पत्र है।

शब्दार्थ :