Maharashtra Board Class 11 Hindi रचना संभाषण लेखन

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest रचना संभाषण लेखन Notes, Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Hindi रचना संभाषण लेखन

रोजमर्रा के जीवन में हम जो बातचीत या वार्तालाप करते हैं उसके लिखित रूप को संवाद-लेखन कहते हैं। वार्तालाप जितना चतुराई से किया गया है, उतना ही वह प्रभावशाली होता है। संवाद-लेखन करते समय ध्यान रहे –

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प्रश्न 1.
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर संवाद-लेखन कीजिए :
Maharashtra-Board-Class-11-Hindi-रचना-संभाषण-लेखन-1
उत्तर :
अनन्या : हे रक्षिता! आज कितने दिनों बाद दिखाई दे रही हो; कहाँ थी?
रक्षिता : माँ के साथ दुर्घटना हो गई थी, इसलिए इधर आना नहीं हुआ।

अनन्या : ओह! क्या हुआ था?
रक्षिता : किसी बदमाश ने राह चलते उनके गले का मंगलसूत्र खींच लिया था। उनके गले पर जख्म हो गया था।

अनन्या : ओह! यह तो बहुत बुरा हुआ। आजकल दिनदहाड़े ऐसी वारदातें होने लगी हैं।
रक्षिता : काश! पुलिस अपनी जिम्मेदारियाँ ठीक से निभा पाते, तो बदमाशों की ऐसी हिम्मत नहीं होती।

अनन्या : (क्रोधित स्वर में) और हमारी पब्लिक तमाश-बिन की तरह केवल भीड़ इकट्ठा करती है।
रक्षिता : (सहमति प्रकट करते हुए) और नहीं तो क्या! हम लोग कब जिम्मेदार नागरिक बनेंगे?

अनन्या : क्या, बदमाश पकडा गया?
रक्षिता : नहीं तो! वह तो बाइक पर था, झपट्टा मारा और भाग गया।

अनन्या : खैर, तुम अपनी माँ का ख्याल रखो। मुझसे कोई सहायता चाहिए तो बिना हिचकिचाए बताना।
रक्षिता : अवश्य! चलती हूँ। अलविदा!

अनन्या : अलविदा !

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर संवाद-लेखन कीजिए :
Maharashtra-Board-Class-11-Hindi-रचना-संभाषण-लेखन-2
उत्तर :
पिताजी : बेटा, यहाँ आओ; बैठो। पढ़ाई के क्या हाल है? परीक्षा कब से है?
पुत्र : (घबराते हुए) परीक्षा नजदीक आई है और पढ़ाई अभी चल रही है, पूरी नहीं हुई।

पिताजी : पूरी होगी कैसे? मैं यह नहीं कहता कि दूरदर्शन मत देखो, लेकिन अपने अध्ययन के प्रति लापरवाही उचित नहीं। पूरा दिन दूरदर्शन के सामने बैठोगे तो पढ़ाई होगी ही नहीं।
पुत्र : लेकिन मैं अकेला थोड़े ही देखता हूँ, पापा? घर में सभी दूरदर्शन देखते हैं और आप मुझे ही डाँटते हो।

पिताजी : मैं तुम्हें समझा रहा हूँ। तुम्हारी दीदी को देखो, कक्षा में अव्वल आती है और तुम मात्र 50% अंक ला पाए हो।
पुत्र : (अँगूठे से जमीन कुरेदते हुए) मुझे दीदी अपने साथ पढ़ने को मना करती है।

पिताजी : मैंने दीदी को समझा दिया है, जाओ अब उसके साथ बैठकर पढ़ाई करो।
पुत्र : जी, पापा। अब मैं भी दीदी जैसे अंक लाकर दिखाऊँगा।

पिताजी : बहुत अच्छा! देर आए दुरुस्त आए। मुझे तुम पर विश्वास है। तुम जरूर अच्छे अंक ला पाओगे। भगवान तुम्हें सद्बुद्धि दें।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर संवाद-लेखन कीजिए :
Maharashtra-Board-Class-11-Hindi-रचना-संभाषण-लेखन-3
उत्तर :
राम : नमस्ते श्याम! कैसे हो?
श्याम : नमस्ते! मैं ठीक हूँ। तुम कैसे हो? क्या कर रहे हो आजकल?

राम : मैं ठीक हूँ। आजकल मैं डाक टिकट इकट्ठा कर रहा हूँ।
श्याम : बहुत खूब! क्या तुम इन्हें अलबम में चिपकाओगे?

राम : हाँ! मैंने एक अलबम बना लिया है और टिकट चिपका भी दिए हैं।
श्याम : वाह! क्या, तुम्हारे पास सभी देशों के टिकट हैं?

राम : हाँ! ज्यादातर सभी देशों के टिकट मेरे पास हैं।
श्याम : (जिज्ञासा से) तो क्या इनमें, महँगी टिकटें भी हैं?

राम : मेरे पास बहुत सारी टिकटें है जिनमें कुछ टिकटें महँगी भी है।
श्याम : मेरे दोस्त, यह तो बता इस संग्रह से तुझे क्या लाभ होता है?

राम : यह मेरा शौक है जो मुझे बेहद सुख प्राप्त कराता है और हाँ, मुझे भूगोल पढ़ने में इनकी मदद मिलती है।
श्याम : बहुत अच्छा।

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राम : तुम्हारा भी कोई शौक है?
श्याम : है न! मुझे जंगली फूल जमा करने का शौक है।

राम : तुम उनसे क्या करते हो?
श्याम : मैं उन्हें कागज पर चिपकाता हूँ और फिर उनका नाम लिखता हूँ।

राम : इस शौक से तुम्हें क्या लाभ होता है?
श्याम : मेरा शौक मेरा वनस्पति विज्ञान का ज्ञान बढ़ाता है।

राम : तुमसे मिलकर आज बहुत अच्छा लगा। फिर मिलेंगे, अलविदा!
श्याम : अच्छा! अलविदा!

प्रश्न 4.
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर संवाद-लेखन कीजिए।
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उत्तर :
साक्षात्कार कर्ता : जय हिंद, मेरे भाई, मेरे दोस्त!
सैनिक : जय हिंद! कहो कैसे आना हुआ?

साक्षात्कार कर्ता : आप हाल ही में सीमा पर दुश्मनों को लोहे के चने चबवाकर आए हो इसलिए मैं आपसे मिलना चाहता हूँ। आपके बारे में जानना चाहता हूँ।
सैनिक : भाई, मैंने तो सिर्फ अपना कर्तव्य निभाया है।

साक्षात्कार कर्ता : सीमा पर अपने परिवार से दूर आप कैसे रह लेते हो? क्या आपका उनके प्रति कर्तव्य नहीं है?
सैनिक : ऐसा तो नहीं। परिवार अपनी जगह है, देश अपनी जगह और देश की खातिर जो कर्तव्य है उसके आगे हमें निजी सुख-दुख बहुत छोटे नजर आते हैं।

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साक्षात्कार कर्ता : धन्य हैं आप! सुना है आपका बेटा छह वर्ष का है!
सैनिक : सही सुना है आपने। मेरा छह वर्ष का बेटा है जो अभी से सैनिक बनने का सपना देख रहा है और हाँ मेरी तीन साल की बेटी भी, शत्रु के साथ युद्ध करने की बातें करती है।

साक्षात्कार कर्ता : बहुत अच्छा लगा सुनकर। आपका पूरापरिवार ही राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत है। हम देशवासियों को और देश के बालकों को (जोर देते हुए) कुछ संदेश देना चाहेंगे?
सैनिक : जरूर! देश के बालकों आप देश का भविष्य हो। हर काम को सच्चाई, ईमानदारी और खुशी से करो। अपने सपनों को हकीकत में बदलो। ईश्वर तुम्हें सदबुद्धि दे। वंदे मातरम्! जय हिंद!

साक्षात्कार कर्ता : वंदे मातरम्! जय हिंद!